किसानों का उत्पीड़न किसी सूरत में बर्दाश्त नही होगा- अरुण राणा
किसानों का उत्पीड़न किसी सूरत में बर्दाश्त नही होगा- अरुण राणा
सहारनपुर/उत्तर प्रदेश: भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के मंडल महामंत्री अरुण राणा ने कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने गन्ना भुगतान, पुराली और पाती जलाने के नाम पर किसानों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि किसानों का उत्पीड़न किसी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज सरकारों की नीतियों के कारण प्रदेश का किसान आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान है। किसानों को लेकर सरकार संवेदनशील नहीं है। सरकार किसानों के विरुद्ध बेवजह पराली जलाने के मुकदमे दर्ज कर उनका शोषण कर रही है। जबकि प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियां इसके लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है। गन्ने का भुगतान किए बिना बिजली बिलों की वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है। बिल जमा न करने पर कनेक्शन काटे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों को लेकर सभी सरकारों की नीतियां दमनकारी रही है।अगर बात वर्तमान समय की की जाए तो किसानों के साथ कानून के नाम पर भेदभाव किया जा रहा है। महंगाई के अनुपात में बिजली और खाद के मूल्य बढा दिए गए है। वसूली कार्य में तेजी लाई गयी है लेकिन किसानों के गन्ना मूल्य पर ब्याज को नहीं दिया जा रहा है। गन्ना भुगतान में देरी की जा रही है।
अरुण राणा ने कहा कि सरकार किसानों का बकाया गन्ना भुगतान शीघ्र करे,गन्ना मूल्य 400 से 500 रुपये प्रति कुंतल करे,बिजली बिलों की वसूली पर रोक लगाने, कनेक्शन काटने की प्रक्रिया को स्थगित करे, पराली जलाने पर किसानों के विरुद्ध दर्ज किए मुकदमे वापस ले। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन किसानों का उत्पीड़न किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।
उनका मानना है कि किसानों में एकता की कमी के चलते सरकार मनमाने ढंग से काम करती है और किसान उत्पीड़न का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन हमेशा से किसानों को एक मंच पर लाने का कार्य करता आया है और किसानों के हक की लड़ाई लड़ता आ रहा है। उन्होंने आह्वान किया है कि किसान अपनी शक्ति को पहचाने संगठन के झंडे के नीचे एक सूत्र में बंधकर संघर्ष करें।
रिपोर्ट-अवनीश
News 10 भारत

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