किसानों की मांगें पूरी कर व्यापार को बर्बाद होने से बचाए सरकार- राजेश गुलाटी
किसानों की मांगें पूरी कर व्यापार को बर्बाद होने से बचाए सरकार- राजेश गुलाटी
सहारनपुर/उत्तर प्रदेश: कृषि कानूनों के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों को आंदोलन करते हुए एक महीना होने को हैं। किसानों के सड़कों पर बैठने से जहां एक ओर यातायात में परेशानी हो रही है वहीं देशभर में व्यापार को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसान आंदोलन के चलते अब व्यापारी भी सरकार से किसानों की मांगों को मानने के पक्ष में आने लगे हैं।
'किसान आंदोलन से प्रभावित हो रहा है व्यापार'
सामाजिक उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष राजेश गुलाटी का कहना है कि किसानों के आंदोलन से व्यापार को काफी घाटा हो रहा है। दिल्ली की सड़कें देश के कई राज्यो को जोड़ती है जिनसे सारा व्यापार चलता है। लेकिन किसान आंदोलन के चलते किसानों के दिल्ली की सड़कों को जाम करने की वजह से व्यापार काफी प्रभावित हो रहा है। यातायात बाधित होने से दुकानदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
' किसान आंदोलन से अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा असर'
उनका कहना हैं कि कोरोना काल के कारण लगाये गए लाकडाउन से पहले ही बाजार काफी मुसीबतें झेल चुका है।अभी कोरोना महामारी से देश उभरा भी नही है कि किसान आंदोलन ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। ट्रांस्पोर्टर्स में इस आंदोलन से एक अलग किस्म का डर का माहौल है। कृषि कानूनों की वापसी को लेकर हुए आंदोलन के कारण व्यापार सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
'किसानों की मांगों का शीघ्र समाधान करे सरकार'
राजेश गुलाटी का कहना है कि कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन से भविष्य में भी व्यापार प्रभावित होने की आशंका है।किसान आंदोलन से सिर्फ दिल्ली एनसीआर के व्यापारियों को ही नहीं बल्कि देशभर के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इससे पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों की अर्थव्यवस्थां भी प्रभावित हुई है। ऐसे में अब सरकार को चाहिए कि वे किसानों की मांगों को पूरा करें ताकि किसानों का यह आंदोलन रुक सके और व्यापार को कोरोना महामारी के बाद आंदोलन की भेंट चढ़ने से बचाया जा सके।
रिपोर्ट-अवनीश
News 10 भारत

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