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    हिंदी दिवस पर सारंग ने किया शूक्ष्म विचार गोष्टी का आयोजन

    हिंदी दिवस पर सारंग ने किया शूक्ष्म विचार गोष्ठि का आयोजन

    सहारनपुर: सारंग सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन द्वारा गुरुद्वारा रोड स्थित एक सभागार में 'अपने देश में बेगानी हुई हिंदी' विषय पर शूक्ष्म गोष्ठी का आयोजन किया गया।

    गोष्ठी में नगर के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं वरिष्ठ पत्रकार रमेश चंद्र छबीला ने हिंदी की उपेक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि देश को आजाद हुए 74 वर्ष हो चुके हैं लेकिन आज भी अपने देश में हिंदी बेगानी भाषा हो चुकी है। इसके लिए भ्रष्ट राजनीति को उन्होंने जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा आजादी से पहले हिंदी स्वाधीनता व संग्राम की भाषा थी भारत की पहचान हिंदी है।

    व्यापारी नेता अमित वक्ता ने कहा कि हिंदी को तुलसीदास, सूरदास रसखान,अमीर खुसरो ने अपने खून से सीखा है। हिंदी देश की राष्ट्रभाषा है। अध्यापिका अनीता शर्मा ने कहा कि हिंदी दुनिया में बोली जाने वाली तीसरी सबसे बड़ी भाषा है लेकिन अपने देश भारत में हिंदी से लोग परहेज करते है और अंग्रेजी बोलने में अपनी शान समझते हैं।उन्होंने कविता के माध्यम से भी हिंदी के बारे में जागरूक किया। 

    संस्था के महासचिव रवि बख्शी ने कहा कि 14 सितंबर 1949 एकमत के साथ संविधान सभा में हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया था जिसे हम आज के दिन हिंदी दिवस के रूप में मनाते हैं। हमारे देश के सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, रविंद्र नाथ टैगोर, अटल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी को अपनाया और आजादी हासिल की। इनके अवनीत कौर, सरोज शर्मा, नीना शर्मा आदि ने भी अपने विचार रखे। 

    इस अवसर पर विनोद मिगलानी, हरीश अरोड़ा, गगनदीप, महेश रज्रवाल, साहिब जुनेजा, ब्रजेश शर्मा,वेद प्रकाश पोपलीआदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन रवि बख्शी ने किया।


    रिपोर्ट-अवनीश

    News 10 भारत

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