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    कृषि कानून किसान और व्यापारी हित में- विमल बिरमानी

    कृषि कानून किसान और व्यापारी हित में- विमल बिरमानी

    सहारनपुर/उत्तर प्रदेश: कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों में अभी भी रार जारी है। आंदोलन के दौरान एक और जहां किसान संगठन किसान कानूनों को किसान विरोधी बता रहे हैं वही कुछ व्यापारिक संगठन इन बिलों को किसानों और व्यापारियों के हित में बता रहे हैं। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष /जिला अध्यक्ष व मंडल अध्यक्ष विमल विरमानी ने भी कृषि कानूनों को किसान और व्यापारिक हितों में बताया है और किसानों से वार्ता के माध्यम से अपनी मांगों को रखने की अपील की है।

    'कृषि कानूनों से किसानों का शोषण करने वाले आढ़तियों और बिचौलियों पर लगेगी रोक'

    व्यापारी नेता विमल विरमानी का मानना है कि किसान देश का अन्नदाता है जो फसलों को उगा कर पूरे देश का पेट पालता है। सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों से असंतुष्ट किसान देशभर में आंदोलन कर रहे हैं, सड़के जाम कर रहे हैं जबकि ये कृषि कानून किसानों के साथ साथ व्यापारिक दृष्टि से भी फायदेमंद है। इन कानूनों से किसानों को मंडी के अंदर शोषण करने वाले आढ़तियों और दलालों से मुक्ति मिलेगी।

    'किसानों के साथ सही व्यापारियों को भी मिलेगा लाभ'

    उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून किसानों के भले में है। वास्तव में यह बिल किसानों के खिलाफ नही बल्कि किसानों का शोषण करने वाले बिचौलियों के खिलाफ है जो अलग-अलग बहानो से किसानों की फसलों में कमी बताकर मनमाने रेट पर फसल के दाम लगाते हैं। इन बिलों से दो तरफा टैक्स खत्म होने से भी किसानों को फायदा मिलेगा और किसान शोषण करने वाले आढ़तियों और दलालों से बच जाएंगे वहीं दूसरी ओर जो सही व्यापारी हैं उन्हें व्यापारिक लाभ मिलेगा।

    'सूझबूझ से काम लें किसान भाई'

    उन्होंने कहा कि जिस तरह सीमा पर जवान  सभी देशवासियों के लिए सम्मानित हैं उसी तरह किसान किसान भी सम्मानित हैं। उन्हें अपनी मांगों के लिए आंदोलन करने का पूरा अधिकार है लेकिन यह अच्छा होगा कि सरकार के साथ बैठकर बात की जाए ताकि समस्या का समाधान निकल सके। सरकार को भी उनकी जो जायज मांगे हैं उन्हें पूरी करनी चाहिए। देखने में आया है कि कुछ लोग किसान आंदोलन को उग्र रूप देने में लगे हैं ऐसे में किसानों को सूझबूझ से काम लेना होगा और सकारात्मक माहौल के साथ सरकार से बात करके हल निकालना चाहिए।

    रिपोर्ट-अवनीश

    News 10 भारत

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