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    किसान विरोधी बिल वापस ले सरकार- मोहम्मद आसिफ

     

    किसान विरोधी बिल वापस ले सरकार- मोहम्मद आसिफ

    सहारनपुर/उत्तर प्रदेश: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़कों पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं जिसे हथियार बनाकर कई राजनीतिक दलों ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय लोक दल के जिला महासचिव मोहम्मद आसिफ ने इन बिलों को किसान विरोधी बिल बताया है और सरकार पर किसानों का शोषण करने का आरोप लगाया है।

    उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में पिछले 4 साल से किसानों के गन्ने का भाव नहीं बढा है। चीनी मिल गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं कर पा रही है जिससे किसानों को ओने पौने दामों में गन्ना बेचना पड़ रहा है।

    उन्होंने कहा कि इन किसान विरोधी बिलों के खिलाफ हरियाणा और पंजाब के किसानों के साथ-साथ अब उत्तर प्रदेश के किसानों का भी सहयोग मिलना शुरू हो गया है जो भाजपा सरकार के खिलाफ रोष का जीता जागता उदाहरण है।अगर सरकार को किसानों की इतनी ही चिंता होती तो इस तरह के किसान विरोधी बिलो को कभी नहीं लाया जाता। सरकार को चाहिए जितनी जल्दी हो सके इन बिलों को वापस ले।

    उन्होंने कहा कि किसान की आय को दोगुना करने का दावा करने वाली सरकार किसान विरोधी है और ये बिल भी किसान विरोधी है। किसानों की आय दोगुनी होने के बजाए पहले से भी आधी रह गई है जिसके चलते अन्नदाता स्थिति दयनीय होती जा रही है।  

    उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय लोक दल पूरी तरह से किसानों के साथ है और कृषि कानूनों का पुरजोर विरोध करता है। किसानों का उत्पीड़न किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मांग की है कि फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित की जाए और ये काले और किसान विरोधी कानून वापस लिये जाए। किसानों को उनकी फसल का सही दाम दिया जाए।

    रिपोर्ट-अवनीश

    News 10 भारत

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