गर्मियों में पक्षियों को डालें दाना-पानी - सौरभ बब्बर
गर्मियों में पक्षियों को डालें दाना-पानी - सौरभ बब्बर
सहारनपुर/उत्तर प्रदेश: पूरी दुनिया मे बढ़ते प्रदूषण से ना सिर्फ इंसानों का जीवन खतरे में है बल्कि पक्षियों पर भी इसका बुरा असर पड रहा है। प्रकृति के साथ हो रही छेड़छाड़ और पेडों का तेजी से कटना पक्षियों की संख्या घटने का एक बड़ा कारण है। बढ़ते शहरीकरण के चलते पक्षियों के सामने भूख और प्यास का संकट खड़ा हो गया है जिसको देखते हुए कुछ पक्षी प्रेमी इनकी मदद के लिए सामने आए हैं जिनमे से एक नाम सौरभ बब्बर का भी है जिन्होंने चिलचिलाती गर्मी में पक्षियों को पानी और खाना (दाना) डालने की मार्मिक अपील की है।
सौरभ बब्बर श्री साई परिवार समिति के अध्यक्ष हैं जो गरीब और बेसहारा लोगों की सेवा में लगे हुए हैं। इंसानों के साथ साथ पक्षियों के लिए भी उनका प्रेम देखते ही बनता है। उनका कहना है कि इंसानों ने अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति और बेजान पशु पक्षियों के जीवन को संकट में डाल दिया है गौरेया,फाख्ता,मैना,बुलबुल,कोयल,तोता,सेवन सिस्टर्स और न जाने कितने सुंदर और मनमोहक पक्षी आज गायब हो गए हैं। बाकी जो बचे हैं बढ़ती गर्मी में उनके दाना-पानी की समस्या बढ़ जाती है। हमे चाहिए कि हम इन बेजुबानों की मदद करें और इनके दाना पानी की व्यवस्था करें।
उन्होंने अपील की है कि अपने आंगन,छत या घर में किसी खुली जगह पर परिंदों के लिए दाना पानी जरूर रखें। मिट्टी के बर्तनों में पानी सबसे अच्छा रहता है जिसे समय समय पर साफ करते रहे। पानी के साथ ही गेंहु, चावल,जौं,चना, बाजरा या फिर अन्य अनाज भी डाले ताकि उनका पेट भर सके। हो सके तो दाना पानी के साथ उनके घोंसले या फिर आर्टिफिशियल होम ( घर) भी बनाये जा सकते हैं। मोबाइल टावर्स से निकलने वाली किरणें इंसानों की तरह पक्षियों के लिए भी घातक होती हैं। इन किरणों से मादा पक्षियों का गर्भपात होने की संभावना अधिक होती है जिससे पक्षियों की संख्या में कमी आती है इसलिये आर्थिक लाभ के लिए अपने छतों या मकान के ऊपर मोबाइल टावर्स ना लगवाए। उन्होंने कहा कि चूंकि ईश्वर ने हम इंसानों को सबसे श्रेष्ठ बनाया है तो ये हमारा कर्तव्य है कि हम अन्य जीवों की भी रक्षा करें।
रिपोर्ट-अवनीश
News 10 भारत
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